Thursday, October 1, 2020

कालि चाहियो - मुक्तक

सालि भन्न पहिले, कालि चाहियो
लौ न एउटि दिल-वालि चाहियो

यो मायाको फुलबारि, गोड्न सक्ने 
सुन्दर बगैंचाकि, माली चाहियो 
                      २०७७-०६-०५